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केडी पैलेस पर एक दिन पहले पहुंचे श्रद्धालु, किया स्नान
भूतड़ी अमावस्या : कलेक्टर और निगमायुक्त ने किया दौरा, नहीं हो सके पुलिस सुरक्षा के इंतजाम
उज्जैन:5 अप्रैल को भूतड़ी अमावस्या पर्व पर कालियादेह महल स्थित 52 कुंड में स्नान के लिये हजारों ग्रामीणजन प्रतिवर्ष पहुंचते हैं लेकिन इस वर्ष एक दिन पहले से यहां सैकड़ों श्रद्धालु पहुंचकर कुंड में स्नान, पूजन-अर्चन आदि धार्मिक अनुष्ठान कर रहे हैं। कलेक्टर व आयुक्त ने गुरुवार सुबह कालियादेह महल पर व्यवस्थाओं का जायजा लिया। साथ ही अधिकारियों को निर्देश भी दिये। कालियादेह महल पर श्रद्धालुओं की सुरक्षा व्यवस्था के इंतजाम पुलिस द्वारा नहीं किये गये जिससे लोगों को परेशानियों का सामना भी करना पड़ रहा है।
कुछ दिनों पहले तक कालियादेह महल के कुंडों में गंदा, मटमैला व बदबूदार प्रदूषित पानी भरा हुआ था। यहां भूतड़ी अमावस्या पर श्रद्धालुओं को स्नान कर पाना भी संभव नहीं था। इस संबंध में अक्षरविश्व में प्रमुखता से समाचार प्रकाशित किया था जिसके बाद प्रशासनिक अमले ने तैयारियां शुरू की। इसके अंतर्गत नगर निगम व पीएचई विभाग द्वारा 52 कुंडों और आसपास के क्षेत्र की सफाई कराने के साथ यहां कुंडों के गंदे पानी को बहाकर 500 मीटर दूर से शिप्रा नदी के पानी को पाइप लाइन द्वारा लाया गया। कुंडों के आसपास दो फव्वारे भी लगाये गये। गुरुवार सुबह कलेक्टर शशांक मिश्रा और निगमायुक्त प्रतिभा पाल, पीएचई अधीक्षण यंत्री धर्मेंद्र वर्मा निरीक्षण के लिये पहुंचे। कलेक्टर ने चर्चा में बताया कि भूतड़ी अमावस्या पर्व स्नान के लिये साफ पानी के साथ सफाई, पेयजल आदि की व्यवस्थाएं पूरी कर ली गई है। कुंडों में साफ पानी पाइप लाइन माध्यम से कुडों में डाला गया है।
अब तक यह तैयारियां
श्रद्धालुओं की सुविधा के लिये प्रशासन स्तर पर कपड़े बदलने के शेड, कुंडों के पानी में मलेरिया विभाग द्वारा मच्छरों के लार्वा मारने वाली दवा का छिड़काव, शौचालय, पेयजल के टैंकर, छांव के लिये शामियाना आदि के प्रबंध पूरे कर लिये गये हैं।
अब इनकी जरूरत
भूतड़ी अमावस्या के एक दिन पहले से श्रद्धालुओं का कालियादेह महल पहुंचना शुरू हो चुका था। यहां देशभर के श्रद्धालुओं में से अधिकांश अपने चौपहिया निजी वाहन से पहुंच रहे हैं जिनके सामान की सुरक्षा और यातायात व्यवस्था ध्वस्त हो चुकी है। कालियादेह महल के आसपास कोई पुलिसकर्मी ड्यूटी करते नजर नहीं आया। इसी के साथ एमपीईबी द्वारा कालियादेह क्षेत्र में विद्युत कटौती के कारण फव्वारे बंद हो रहे थे, जबकि पर्व स्नान के दौरान विद्युत कटौती नहीं की जाती, यदि शुक्रवार को पर्व स्नान के दौरान बिजली गुल होती है तो फव्वारे चलाने में परेशानी आ सकती है।
रामघाट से सिद्धवट तक पानी साफ
पीएचई के अधीक्षण यंत्री धर्मेंद्र वर्मा ने चर्चा में बताया कि गऊघाट बैराज से पानी छोडऩे के बाद अब रामघाट से लेकर सिद्धवट घाट तक शिप्रा नदी में साफ और स्वच्छ पानी है। श्रद्धालु इसमें स्नान, आचमन आदि कर सकते हैं। इसी साफ पानी में पाइप डालकर कालियादेह कुंड तक लाया जा रहा है और श्रद्धालुओं के स्नान की व्यवस्था की गई है।